Tit for tat : जैसे को तैसा – पंचतंत्र की कहानियां

Tit for tat story : किसी नगर में एक जिर्णधन नाम का एक बनिया रहता था. धन कम हो जाने पर उसने परदेश जाने की सोची ? उसके घर में एक पुश्तैनी लोहे से गाड़ी एक तराजू थी. परदेश जाने से पहले उसकी सुरक्षा के लिए अपना तराजू किसी सेठ महाजन के पास रखने को दे दिया. और कहा कि सेठ मैं कुछ काम के लिए परदेश जा रहा हूँ.

अतएव तुम मेरे वापस आने तक यह लोहे से गड़ी तराजू को अपने पास संभाल कर रखना. जब मैं वापस आउंगा तो तो दुबारा ले जाऊंगा. उसके बाद वह बनिया परदेश के लिए निकल गया.

कुछ दिन तक परदेश में रहकर वापिस अपने नगर की ओर लौट गया. लोटते ही बनिया उस सेठ महाजन के पास गया और अपना तराजू मांगने लगा.

तराजू मांगने पर महाजन ने कहा कि अरे तेरा तराजू तो नहीं है किसी चूहे ने तेरा तराजू खा लिया.

यह सुनकर बनिया मन-ही-मन बहुत दुखी हुआ. वह समझ गया कि उसे तराजू नहीं देना चाहता. और कुछ उपाय सोचने के बाद कहा ! चलो ठीक है मित्र ! अगर चूहा खा ही लिया तो इसमें तेरा क्या कसूर.

उसके बाद उस बनिए ने कहा कि हे मित्र मैं स्नान करने नदी जा रहा हूँ इसलिए तुम अपने धनदेव नाम के पुत्र को नहाने का सामान लेकर मेरे साथ नदी भेज दो. चोरी के डर से उस बनिए की सारी बात आँख बंद करके मानने लगा. और वह अपने बेटे को उस बनिए के साथ भेज दिया.

कुछ समय बाद नदी में स्नान करके उस महाजन के पुत्र को नदी के पास एक गुफा में छुपा दिया. और उस गुफा के दरवाजे पर एक बड़ा सा पत्थर रख दिया जिससे वह लड़का भाग न जाए. उसके बाद बनिया घर वापस लौट आया.

उसको अकेला देख कर महाजन बोला अरे ! बनिए मेरा बेटा तेरे साथ गया था दिखाई क्यों नहीं दे रहा है. कहां गया ?

बनिए ने कहा– ” उसको तो देखते-देखते ही एक बाज उड़ते हुए आया और अपने साथ तुम्हारे लड़के को उड़ा ले गया. ”

यह सुनते ही महाजन बहुत गुस्सा हो गया. और उंची आवाज में बोलने लगा. तुम झूट क्यों बोल रहे हो. भला कोई बाज इतने बड़े लड़के को कैसे ले जा सकता है.

तब बनिये ने कहा अगर इतना बड़ा लोहे का तराजू एक छोटा सा चूहा खा सकता है. तो एक लड़के को बाज भी ले जा सकता है. यह बातें कर दोनों में बहुत बहस हुई. और वे दोनों राजसभा में राजा के पास गए.

महाजन जाते ही कहने लगा. महराज इस चोर ने मेरे बच्चे को चुरा लिया है. इस चोर को सजा दो और मेरे बच्चे को लौटाने को कहो.

इस पर राजा ने उस बनिए को कहा ! क्या यह सही कह रहा है. इसका बच्चा तुम लौटा दो. नहीं तो तुम्हे मृत्युदंड दिया जाएगा.

बनिए ने अपनी बात रखने का मौका मांगा. और कहा ! हे महराज अगर एक छोटा सा चूहा एक बड़े से लोहे के तराजू को खा सकता है तो. एक बाज़ लड़के को नहीं ले जा सकता.

यह बात सुनकर मंत्रीगण और राज दरबार में बैठे सभी हसने लगे.  इस पर राजा ने कहा. पूरी बात बताओ. दोनों ने अपनी-अपनी पूरी बात उस राजसभा में राजा को बताई.

उसके बाद राजा दोनों पक्ष की बातें सुनकर समझ गया और दोनों को न्याय दिलाया. बनिए को उसका बच्चा लौटने को कहा और महाजन को उसका तराजू.

इसलिए कहते हैं जैसे को  तैसा   !

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