monkey and bird story : किसी जंगल में एक बंदरों का समूह था. ठीक ठण्ड के समय बारिश होने लगी. उस बारिश में सारे बन्दर भीग गए और ठण्ड से कांपने लगे. उन्हें ठण्ड इतना जकड लिया था. की वे किसी आग की तालाश में थे. इसलिए उन्होंने सोचा ! की चलो कोई आग का इंतजाम किया जाये जिससे ठण्ड से हम बच सके.
यही सोचकर सारे बन्दर आग ढूडने लगे. और आस-पास गिरे हुए सारे सूखे पत्ते को उठाने लगे. अब सारे बन्दर गोल बैठ बैठकर एक-दुसरे को देखते हुए सोचे की इसको कैसे जलाया जाए ? तभी पास में एक उडती हुई जुगनू को देखा. उन्होंने सोचा की अरे देखो वहां पर कोई आग का चिंगारी उड़ रहा है. मानो हमारा काम हो गया. उसे किसी भी हाल में पकड़ना पड़ेगा जिससे हम आग जला सके.

यह सब पास के पेड़ में बैठी एक चिड़िया देख रही थी. उस चिड़िया को रहा न गया. और कहा ! अरे….मुर्ख वानरों यह चिंगारी नहीं एक जिव जुगनू हैं जो रात के अँधेरे में उड़ता हैं यह कोई आग नहीं हैं. यहाँ ठण्ड में बारिश में कोई आग मिलने वाला नहीं है. इसलिए तुम मेरी एक कहना मानों. अपने लिए कोई दूर दराज पर पहाड़ में या कहीं कोई गुफा देख लो जिसमें तुम रह सकते हो वहां ठण्ड हवा का झोंका भी नहीं आयगा और तुम इस ठण्ड से बच जाओगे.
उसकी बातें सुन कर एक बूड़ा बन्दर बोला ! “अरे चिड़िया मुर्ख तू होगा जो हमें सलाह दे रहा हैं ” तू अपने काम से काम में मतलब रख हमसे न उलझ वर्ना तुझे कहीं पछताना न पड़े.
यह कहकर सारे बन्दर दुबारा उस जुगनू को पकड़ने के लिए उसके पीछे-पीछे भागते रहे और अंत में पकड़ ही लिया. और उसे सूखे पत्ते के बीच में रखकर आग जलाने के लिए उसमें फूंक मारते मगर जल नहीं पाता. उनका माथा ठनक जाता कि आग क्यों नहीं जल रहा है ?

यह सब देख चिड़िया दुबारा उनसे बोलता हैं — ” अरे बन्दर भाइयों ! मेरी बात तो मानो वह नहीं जलेगा व्यर्थ में कोशिश मत करो ” इसके बजाय दो पथरों को आपस में रगडो जिससे चिंगारी निकले और आग जल जाए.
उन बंदरों का दिमाग तो ऐसे ही ख़राब था. उस चिडया की बातों को सुनकर बहुत गुस्सा हो गए और कहने लगे तू चुप-चाप यहां से चला जा नहीं तो मारा जाएगा.

फिर भी चिड़िया उनकी बात नहीं माना. और बार-बार उनको सलाह देता रहा. जब उड़ते हुए चिड़िया सलाह देने के लिए पास आया तो गुस्साए बन्दर ने उसे पकड़ लिया और जोर से पेड़ के तनों में पटक दिया जिससे वह चिड़िया मर गया.
सिख:- इसलिए हमें कभी भी बिना बोले किसी को सलाह नहीं देना चाहिए खासकर तो मूर्खो को क्योंकि इससे अपना ही नुकसान होता है. जैसे इस बेचारे चिड़िया का हुआ.
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