Story of crow and snake: एक समय किसी जंगल में एक बहुत ही पुराना बरगद का पेड़ था. उस पेड़ पर दो कौवे का जोड़ा रहता था और उसी पेड़ के निचे एक बिल था जिसमे एक दुष्ट काला सर्प रहता था. जब भी दोनों कौवे अपना घोसला छोड़कर कही खाना के तलाश में जाते.
उसके जाने के बाद ही वह दुष्ट सर्प उस घोसले में जाकर उनका सारा अंडा खा जाता था. जब वे दोनों कौवे शाम को घोसले में आते और देखते है कि उनका सारा अंडा गायब रहता है. उनको यह बात समझ में नहीं आती कि उनका अंडा कहा गायब हो जाता है.
जब एक दिन दोनों कौवे शाम को जल्दी वापस लौट गए उस दिन देखा कि एक बड़ा सा काला सर्प उनके अंडे खा रहा है उन्होंने चिलाया कांव-कांव लेकिन वह काला सर्प अंडे को खा कर वहां से अपने बिल पर चला गया. वे दोनों बहुत ही उदास हो गए की हमारे सारे अंडे खा गए. उन्होंने इस समस्या से समाधान पाने के लिए अपने एक मित्र सियार के पास गए अपना सारा माजरा बताया.
तभी सियार ने एक तरकीब सोची और बोली देखो मित्र भागने से इस समस्या का समाधान तो नहीं हो पायेगा. इसके लिए तुम्हे कुछ मेहनत करना पड़ेगा.
तो कौवे ने कहा बताओ मित्र क्या करना पड़ेगा. तभी सियार ने एक सुझाव दिया कि तुम यहां से कुछ दूर जाना जहां एक झरना है. उस झरने में स्नान करने के लिए एक सुन्दर सी राजकुमारी आती है. जब राज कुमारी अपना कपड़ा और गहना उतार कर रखेगी अतएव तुम उस गहने को उठाकर उड़ते हुए सीधा उस जगह पहुँच जाना जहां पर वो दुष्ट काला सर्प रहता है ठीक उसी के बिल में वो गहने डाल देना.
सियार के बात को सुनकर कौवे ने ठीक उसी तरह किया. राजकुमारी स्नान कर रही थी तभी कौवे ने उसके गहने उठाकर उड़ते हुए निकल गया उसको देख राजकुमारी के सैनिक अपने शस्त्र और भाला पकड़कर उसके पीछे-पीछे भागने लगे पकड़ने के लिए. कुछ समय बाद ठीक वही पर पहुंचे जहां वह दुष्ट सर्प रहता था. उस कौवे ने ठीक वैसे किया जैसे सियार ने बताया था. उस गहने को सांप के बिल में डाल दिया.
सैनिक भी भागते हुए ठीक वही जगह पहुँच गए और उस गहने को बिल से निकालने लगे मगर सांफ कुंडली मार कर बैठा था जिससे गहने निकालना मुश्किल हो रहा था.
तभी एक सैनिक ने बोला अरे इसमें एक कला सर्प है पहले इसे मारना होगा तभी राजकुमारी के गहनों को निकल पाएंगी नहीं तो हमें सूली पर लटका देंगी. सारे सैनिकों ने साप के ऊपर भाला से वार करने लगे वह सांप निकल गया और फुंकारने लगा सभी सैनिंको ने अपने शस्त्र और भाले से उस दुष्ट साप पर भारी जोर से प्रहार किया और वह सांप मर गया.
और सैनिक राजकुमारी के गहने लेकर चले गए.
यह सारा कारनाम दोनों कौवें ऊपर पेड़ पर बैठकर देख रहे थे और बहुत खुश हुए साप के मरने पर वे दोनों सियार के पास गए और धन्यवाद बोले और ख़ुशी-ख़ुशी से रहने लगे.
सिख:- तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है. कि अपनी बुद्धिमानी और चतुराई से कोई भी बड़ा से बड़ा संकट क्यों न हो उसको आसानी से हल किया जा सकता है.
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