pari ki kahani : Fairy tale – परी की कहानी हिंदी में

pari ki kahani: एक गांव मे मोहन नाम का एक व्यक्ति रहता था. वह बहुत ही ईमनदार और सभ्य व्यक्ती था. उसे लोगों की मदद करने मे बहुत ही आनंद  प्राप्त होता था. लेकिन किसी कारणवश उसको दो-दो शादिया करनी पड़ी. उसकी पहली पत्नि बहुत ही सुंदर और घमंडी  थी.

मोहन  की   दूसरी   पत्नी सरल स्वाभाव की थी लेकिन उसका एक पैर नही था. सुंदर पत्नि को अपनी सुंदरता पर बहुत ही घमंड थ.
वह अपने आपको दुनिया कि सबसे सुंदर महिला समझती थी.

और अपनी बहन समान मोहन की दुसरी पत्नि का एक पैर न होने कि वजह से बहुत हि निरादर तिरस्कार किया करती थी. एक पैर न होने होने के बावजूद भी वह मोहन कि सेवा मे आगे रहती  थ. घर के सभी काम काज पे हाथ बटाती थी और पूजा पाठ मे भी अपना मन लगाती थी. मोहन की तरह ही उसे भी दूसरों की सहायता करना पसंद था. लेकिन उसको बाहर जाने का मौका ही नहीं मिल पाता था.

सुंदर पत्नी तो दिन भर आईने के सामने बैठकर स्वयं को निहारती रहती थी. उसे केवल अपनी सुन्दरता से ही प्रेम था.

एक दिन मोहन घर पर नहीं था. सुंदर पत्नी  दूसरी पत्नी पर अपनी सेवा के लिए आदेश पर आदेश देती जा रही थी. तभी किसी  बात पर सुंदर महिला ने मोहन की दूसरी पत्नी से झगडा कर लिया. वह बहुत ही उदास और असहाय हो गयी. अब सुंदर महिला ने गुस्से में आकर  उसे  घर से बाहर निकाल दिया.

उसके बाद जब दूसरी पत्नी हताश हुए रोते रोते गाँव के मंदिर के पास चली गयी. और वही पर बैठ कर रोने लगी.

तभी अचानक रात को वंहा पर एक प्यारी सी परी प्रकट हुई. मोहन की पत्नी सोई हुई थी.

उसे परि ने जगाया और उसने मोहन की पत्नी से कहा —  ” डरो नहीं मैं परि हूँ. मुझे  भगवान ने तुम्हारे पास भेजा है तुम्हारी सहायता  करने के लिए भगवान तुमसे बहुत ही प्रसन्न हैं. अब तुम्हारे सारे दुःख भरे दिन बित गए हैं.

इतना कहकर परी ने उसे एक सुंदर सा रूप दिया. और उसे एक बिंदी  भी दी. परी ने बिंदी देते हुए –” कहा यदि यह बिंदी तुम्हारे सिवा कोई दुसरा छुएगा  तो वह कुरूप हो जाएगा. ” इतना कह कर परि वंहा से चली गयी.

मोहन की पत्नी ने जैसे ही बिंदी लगायी उसका पैर भी वापस आ गया. वह मन ही मन  बहुत खुश हुई और घर की ओर वापस चली गयी.

यह सब बात घर जाकर मोहन को बताई  मोहन भी बहुत खुश हुआ. लेकिन सुंदर पत्नी ने उसकी आधी बात ही सुनी थी. सुंदर पत्नी ने जब उसकी बिंदी को छुई तो वह उसी समय कुरूप हो गयी.

जब मोहन ने उस कुरूप महिला को देखा तो भिखारी महिला समझकर घर से बाहर निकाल दिया.

सिख:-इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है की. हमें सबके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए क्योंकि बुरा ब्यवहार करने से नतीजा भी बुरा निकलता निकलता है.

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