jadui pencil: एक समय की बात है. एक गाँव में एक छोटा सा बच्चा रहता था पुरे उसके परिवार में छह लोग लोग थे. तीन भाई एक बहन और उसके माता पिता. उनमे से ये एक लड़का बहुत ही नासमझ नादान भोला भाला एक आलसी किस्म का था.
इसलिए उस लड़के को घर के कोई भी सदस्य मानते नहीं थे. हमेशा उसके मम्मी पापा डाटते रहते थे. उसके भाई बहन हमेशा चिडाते थे की तुम कुछ नहीं कर सकते कुछ काम के नहीं हो. ये सब रोज़-रोज़ की बात सिनकर बेचारा लड़का घर से भाग जाने का फैसला किया.
उसके दुसरे दिन जब उसके माता पिता कुछ काम के लिए कहीं बहार गए थे. उसी समय वह लड़का भी घर से भाग निकला. जब शाम को उसके मम्मी पापा आये और उनके बाकी बच्चो से पूछे तो उन्होंने कहा कि की. हमें नही पता कहा गया. होगा वैसे भी हमें बता कर नही जाता है. आलसी कही का. उनके माता-पिता भी बोले चलो कही गया होगा. आ जायेगा.थोड़ी देर में.
जब लड़का घुस्से से रोज़ की खीच-खीच सुनकर घर से चला गया जाते-जाते बहुत दूर निकल गया. बहुत दूर जाने के बाद किसी अजीब सी जगह में पहुँच गया जन्हा चारो तरफ पहाड़ ही पहाड़ दिखायी दे रहे थे. एक घना सा जंगल था. वंहा का पर बस चिड़ियों के चहचहाने के आलावा कुछ नहीं था.
कुछ देर जाने के बाद थक कर एक पेड़ के किनारे बैठ गया. कुछ समय बाद उसकी आँख लग गयी. और सो गया. तभी उसके सपने में एक बाबा आया. और उसने बोला बेटा मेरी मदद करों मैं बहुत दिनों से एक मकड़ी के जाल में फंसा हुआ हु. (वह एक साधू थे. तपस्या करते हुए ).
जब कुछ समय बाद बच्चे की आँख खुली तो. उसने सोचा की वह साधू कहाँ पर होगा. जिसने मुझे सपने मे आवाज दी थी. चलो उस बेचारे की मदद कर देता हूँ. “लड़के ने कहा! ” कुछ समय के बाद थोड़ी देर चलकर उस साधू की गुफा में पहुँच गया जन्हा वह साधू तपस्या. कर रहा था. उसने उस साधू के ऊपर लगे मकड़ी के जाल को निकाला वह साधू उठा.
और कहा बेटा तुमने मेरे ऊपर लगा मकड़ी के जाल निकाल कर मेरा जीवन बचाया यह बदमाश मकड़ी मेरे ऊपर पूरा जाल बनाकर बाँध दिया था. बताओ बेटा तुम्हे क्या चाहिए. नहीं बाबा मुझे कुछ नहीं चाहिए. ” ऐसा लड़के ने कहा. ”
नहीं. तुम एक वरदान मांग सकते हो. ये तुम्हारा हक़ है. फिर भी लड़का चुप-चाप खामोश खड़ा हुआ था. तभी बाबा उसके मन की बात जान ली, उसने एक जादुई पेन्सिल दी उस लड़के को.और कहा बेटा ये लो एक जादुई पेन्सिल इस पेन्सिल से तुम कुछ भी बनाओ वो. तुम्हारे सामने असली बनकर आ जायेगी. (हाँ मगर इसका इस्तेमाल केवल दो बार हो सकता है) ऐसा कहकर वह बाबा वंहा से गायब हो गया.
फिर लड़का वंहा से निकल गया. कुछ देर चलकर उसने सोचा कुछ खाने को बनाता हूँ मुझे बहुत भूख लगी है. तो उसने सबसे पहले एक गर्म-गर्म की पुड़ी और सब्जी बनाई,उसके बाद लड्डू बनाए. फल बनाए. लड़का बेचारा भूखा तो था. खूब चट से खाने लगा. भरपेट खाने के बाद. वह अपने घर की ओर लौटने लगा. शाम होते ही वह घर पहुँच गया. उसको देखते ही सभी घर वाले फिर से ताना मारने लगे कि देखो आलसी आ गया.
उसने कुछ नही कहा और चुप-चाप घर के अन्दर चला गया. बिना कुछ खाए (क्योंकि कि उसके पास तो जादुई पेन्सिल थी) उसके घर वाले उसको खाने तक नहीं पूछें. बह लड़का रात को बहुत सारे चावल. बेसन. दाल. वगैरह बनाया. ढोने के लिए गधा और एक गाड़ी. बनाया. और सो गया.
सुबह होते ही वह लड़का. बिना खाए उस सामन को बेचने के लिए निकल गया. जब उसके घर वाले उस लड़के के न देखकर सोचे आंखिर ये लड़का गया तो गया कहाँ.जब उन्होंने उसके कमरे में जाकर देखा तो इतना सारा चावल,दाल. बेसन देखकर बहुत खुश हो गए. और उन्होंने ने उस लड़के को धुड़ने लगे. पर कही नहीं मिला. और वे लोग घर वापस चले आये.
जब शाम को वह लड़का वापस आया बहुत सारे पैसे लेकर. तो उसके घर वाले देखकर बहुत खुश हुए. और बोले बेटा आज तुमने साबीत कर दिया. कि हर इंसान के पीछे कुछ न कुछ काबिलियत जरुर होती है. हमें माफ़ कर दो कभी भी किसी इंसान को छोटा निकम्मा नहीं समझना चाहिए. उसके बाद वे ख़ुशी से पूरा परिवार एक साथ रहने लगे.
तो दोस्तों कैसे लगी ये हमारी छोटी सी कहानी कोमेंट में आप जरुर बताइएगा, धन्यवाद.
सिख:- इस कहानी से हमें या सिख मिलती है. कि हमें कभी भी कीसी को निकम्मा नकारा नहीं समझना नहीं चाहिए. भला बुरा नहीं कहना चाहिए. जिस्से उसके आत्मविश्वाश को ठेस न पहुंचे.
बल्कि उसे साथ देना चाहिए. की वह किस काम के रुची रखता है. उसे अपने हिसाब से काम करने देना चाहिए. तभी ओ सफल हो सकता है. क्योंकि बोलते हैं न वक्त बदलते समय नहीं लगता.
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