bhoot ki kahani : horror story in hindi – भूतों का अड्डा

horror-story-in-hindi : एक समय की बात है पांच दोस्त रोहन संजय राहुल मल्लिका और रेणु कॉलेज ख़त्म करके एक पार्टी करने की सोची.

रोहन ने कहा कि दोस्तों मेरे अंकल का एक पुराना खंडहर के पास एक हवेली है. मेरे अंकल भी वहां बहुत दिनों से रहते नहीं है उस हवेली को खरीदकर बस ऐसे ही छोड़ दिए हैं और us चले गए हैं.

क्यों न हम वहीं पर जाकर अपना इस साल का समर वेकेशन मनाते हैं. ताकि यादगार बन सकें.

और ऐसे भी हम सभी दोस्तों का इस कॉलेज से यह आंखिरी साल है. क्या पता कभी मिलने का मौका मिले या न मिले.

उसकी बाते सुनकर सभी दोस्त खुश हो गए. और जाने के लिए तैयार हो गए. और अगले सुबह ही सभी दोस्त रोहन की गाड़ी में बैठकर एन्जॉय करते हुए खंडहर की ओर निकल पड़े.

रास्ता बहुत दूर होने से बीच रास्ते में ही अँधेरा हो गया. फिर भी सभी दोस्त एन्जॉय करते गाना गाते हुए जंगल के रास्ते में आगे की ओर बड़ते गए.

अचानक बीच रास्ते में गाड़ी रुक गई. उसे देखने के लिए सभी गाड़ी से बाहर आये. उनमें से एक संजय नाम का लड़का बहुत भोला था. वह बहुत डरता था. उसने कहा अरे यार किस जगह में आकर फंस गए हैं.

उसकी बातें सुनकर बांकी दोस्त उसे हमेशा चिड़ाते थे और उसका मजाक उड़ाते थे की तू बहुत डरपोक है,इतने में उनकी गाड़ी ठीक हो गई. और हवेली की ओर चलने लगे.

कुछ समय के बाद हवेली पहुँच गए. रात का अँधेरा था. बिलकुल सुनसान बस चमगादड़ की ही आवाज सुनाई दे रही थी. रोहन ने दरवाजा खोला और सभी दोस्त हवेली के अंदर की ओर चले गए.

बहुत दिन से बिना साफ़ सफाई के उस हवेली में चमगादड़ों के सिवा कुछ भी नहीं था. रोहन और उसके दोस्त हवेली को साफ़ करने लगे. और अपने लिए खाना बनाकर खाने लगे. जब खाना खा रहे थे. तभी उन्हें दरवाजे से किसी की आवाज सुनाई दी.

दरवाजे खोलने के लिए उस डरपोक संजय को कहा. मगर वह डरने लगा और कहा. मैं नहीं जाऊंगा. फिर रोहन दरवाजे खोलने के लिए गया.

तभी एक बाबा जी सामने खड़े थे. उसे देखकर रोहन थोड़ा डर गया क्योंकि उसके बड़े-बड़े बाल बड़े दाढ़ी. जो एक बड़ी सी लाठी पकड़ा हुआ था.

बाबा ने उसे देखकर कहा बेटा डरो मत. मैं एक चलता-फिरता मुसाफिरों का सेवक हूं. मैं बहुत दिनों से इस हवेली के सामने एक कुटिया में रहता हूँ.

रोहन ने उसे अंदर बुलाया. बाबा अंदर आकर उन सभी को कहा अरे बच्चों तुम लोग यहां आ तो गए हो मगर इस हवेली के पीछे एक छोटा सा बहुत पुराना गांव है जो अभी खंडहर बन गया है. वहां तुम लोग कभी मत जाना. नहीं तो बहुत बुरा हो जाएगा.

उसकी बात सुनकर सभी हसने लगे और कहने लगे अरे बाबा हमें क्यों डराते हो.

यह कहकर रोहन और उसके साथियों ने उनका मजाक उड़ाया. संजय नाम के लड़के ने बाबा के पास जाकर उनसे माफ़ी मांगी और कहा बाबा आप इन लोगों की बात को बुरा मत मानना. और पूछा बाबा ऐसे उस गांव में क्या है. जो जाने को मना कर रहे हो.

बाबा ने कहा बेटा शायद तुम समझदार लगते हो इसलिए तुम्हे उस गांव की पूरी घटना बताता हूँ.

बाबा उस गांव की वर्षों पहले हुई उस घटना के बारे में बताने लगे वे बोले. सुनो बेटा एक समय इस हवेली में एक चंद्रमणि नाम का राजा इस राज्य में शासन करता था. वह बहुत ही क्रूर और घमंडी राजा था.

हमेशा उस गाँव के लोगों को मजदूरी करवाता और ढंग से खाने को भी देता नहीं था. बस खाने के लिए उन्हें एक समय का खाना देता था. फिर भी पूरे दिन रात काम करवाता था.

उन्हीं के गांव के जमीन के नीचे सोने की खान थी. जिसके लोभ में राजा उन्हें अपने कब्जे में कर उन्हीं से दिन-रात मेहनत करवाता रहता था.

तभी उनमें से एक मजदूर ने आवाज उठाई कि. उस जमीन का जो भी खजाना है वह हम सबका है. और आप हमें ही इस खजाने से दूर कर मेहनत करवा रहे हैं. उसकी बात को सुनकर राजा उसे तुरंत मृत्यु दंड देने का आदेश दे दिया.

जब भी राजा के खिलाफ कोई होता उन्हें मृत्यु ही दे देता. राजा के इस अत्याचार से गांव वाले बहुत क्रोधित हो गए.

और एक दिन पूरी गांव वाले ने उस राजा के खिलाफ बगावत कर दी. और एक रात सभी गांव वाले अपने-अपने हाथ में मशाल पकड़कर उस राजा को मारने ले लिए हवेली की ओर चले गए.

गांव वाले को देखकर राजा डर गया और पीछे के दरवाजा से भागने लगा. मगर गांव वाले की नज़र उस पर पड़ गयी और उसे पकड़ कर मार डाला. और उसे उसी गांव के सोने की खान में दफना दिया.

और सभी गांव वाले वहां से दूसरी जगह जाने के लिए सुबह का इंतज़ार कर रहे थे.

और अगले दिन जाने वाले ही थे कि अचानक उस रात राजा के बेटे जो एक तरह से राजा से भी बड़कर हैवान था. उसने उन सभी गांव वालों को उनके ही झोपड़ी वाले घर में आग लगवाकर मार डाला. सभी गांव वाले तड़प-तड़प कर चिल्लाते हुए दम तोड़ दिए. और सभी के सभी मर गए. उसमें से मैं ही एक जिन्दा बचा हूँ.

उस दिन से उन सभी गांव वालो की रूह वही भटकती रहती हैं. आस-पास आने वाले किसी को भी छोडती नहीं थी इसलिए मैंने ही उस गांव को कुछ मंत्रों से बाँध दिया है. और मैं राह भटकते लोगों को वहां जाने से मना करता रहता हूँ.

और कहा बेटा संजय फिर एक दिन राजा का बेटा उस सोने की लालच में उस गांव में चला गया जिसे उन सभी की भटकती हुई रूह ने उसे बड़ी ही बेरहमीं से मार डाला.

यह बात आस-पास के सभी गांव में फ़ैल गई जिससे कोई भी उस गांव के पास जाने की हिम्मत नहीं करते. यह बात जब बाबा संजय को बता रहा था.

तभी किसी की चीखने की आवाज आई. और जब उन्होंने देखा कि. संजय के सभी दोस्त वहां पर नहीं हैं उन्हें शक हुआ तब बाबा और संजय उस गांव की ओर दौड़ने लगे.

और वे देखे कि इतना बड़ा भयानक नज़ारा किसी ने आज तक देखा न होगा. रोहन एक हैवान की तरह अपने ही दोस्तों को एक बड़ी सी हथियार से काट रहा था और उनकी मांश को नोच-नोच खा रहा था. यह सब देख गांव वाले की रूह खूब हंस रही थी और चिल्ला-चिल्ला कर बोल रही थी. कि रोहन मारो-इनको मारो यह सब तुम्हारे दुश्मन है.

कुछ दोस्त उससे जान बचाने के भाग रहे थे. मगर उस गांव के चारों तरफ उन आत्माओं का वास था जो बाहर जाने न देते थे. यह सब दूर से बाबा और संजय देख रहे थे मगर वे अंदर जा नहीं सकते थे.

सभी दोस्तों को आत्माओं ने चुन-चुन कर मार दिया. संजय के सभी दोस्तों की आत्मा संजय को बुला रही थी और कह रही थी बचाओ हमें संजय बचाओ. संजय को भी लगा कि मेरे दोस्तों को कुछ नहीं हुआ है उनको मेरी मदद की जरुरत है. इसलिए मुझे बुला रहे हैं.

एक पल के लिए संजय उनके बातों में उलझ गया था. और उनको बचाने के उनके पास जाना चाहता था.

मगर बाबा ने उसे रोककर कहा बेटा तुम्हारे दोस्त मर गए हैं. अब चलो यहां से नहीं तो तुम्हे भी मार डालेंगे.

बहुत समझाने के बाद संजय अपने आप पर काबू पाया.

उसके बाद उनकी आत्मा जमींन के अंदर घूस गई.

संजय अपने दोस्तों को उन खौफनाक भूतों से बचा न सका…बाबा भी कुछ कर नहीं पाए , और वहां से चले गए.

उन आत्माओं का साया उस गांव में हमेशा-हमेशा के लिए बस गया.

और जो कोई भी उस गांव में जाता उन्हें वहां की खौफनाक आत्माएं उन्हें मार डालती .

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