hathi aur darji ki kahani : elephant and tailor story – हाथी और दर्जी

hathi aur darji ki kahani: एक गांव में भोला नाम का एक दर्जी रहता था. वह अपने नाम की तरह बड़ा ही भोला और दयालु व्यक्ति था |

उसकी एक दर्जी की दुकान थी. जिसमें भोला कपड़े सिलने का काम करता था.

पास के ही जंगल का एक हाथी भोला के दुकान के पास आकर रुकता और वहीं पर बैठा रहता | उसे देख भोला कुछ न कुछ खाने को देता था | जिससे धीरे-धीरे दोनों में गहरी दोस्ती हो गई.

तब से वह हाथी हर रोज वही भोला के दुकान में आने लगा. भोला दर्जी भी कभी-कभी उस हाथी पर बैठकर जंगल की शैर करता.

किसी एक दिन भोला को कुछ काम के लिए दुकान को छोड़कर बाहर शहर जाना पड़ा. इसलिए उसने अपने बेटे को दुकान जाने को कहा.

रोज की तरह हाथी उस दिन भी भोला के दुकान पर आया. और कुछ खाने के लिए मिलेगा यही सोचकर अपनी सूंड को सामने की ओर लहराने लगा.

उसे देख भोला का बेटा जो बहुत ही शरारती था उसने एक सुई से उसके सूंड पर चुभा दी.

जिससे हाथी चुप-चाप वहां से चला गया और पास के एक गंदे तालाब का पानी अपनी सूंड में भरकर वापिस दुकान की ओर आया.

भोला का बेटा उसे ( हाथी को ) दुबारा वापिस आते देख एक बड़ी सी सुई हाथ में लेकर खड़ा रहा ताकि पास आये तो उसे जोर से चुभा सके.

मगर उसका उल्टा ही हुआ हाथी जैसे ही दुकान के नज़दीक पहुंचा अपने सूंड का गंदा पानी उस लड़के पर फेंक दिया. और वहां से भाग निकला .

इधर गंदे पानी से भोला का बेटा और दुकान का सारा कपड़ा खराब हो गया.

भोला के लड़के को अपनी करनी पर पछताते हुए दुकान को बंद कर घर जाना पड़ा.

सिख: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि, हमें बिना वजह किसी को परेशान नहीं करना चाहिए , नहीं तो खुद को नुकसान का सामना करना पड़ता है.

कुछ और कहानियाँ :

Leave a Comment