ghamandi ka sar neecha in hindi: बहुत समय की बात है एक गांव में उज्वलक नाम का निर्धन बड़ई रहता था. उसने अपनी गरीबी से परेशान होकर गांव छोड़ने की सोची. और अगले दिन ही दुसरे गांव के लिए रवाना हो गया.
जाते हुए जंगल के बीचो बीच एक बहुत बड़ा पेड़ दिखाई दिया. सोचा बहुत थक चूका हूं. यही थोड़ा विश्राम कर लूं . बड़ई विश्राम कर रहा था तभी पेड़ के पीछे से एक कराहने की आवाज आई.
जब उसने जाकर देखा तो एक ऊंटनी अपने समूह से बिछड़कर प्रसव में पीड़ित एक बच्चे को जन्म दे रही थी. वह बड़ई उस उटनी और उटनी के बच्चे को अपने साथ लेकर घर लौट गया. उसको रस्सी से एक खूंटे में बांधकर उसके लिए पत्तों के शाखाएं काटने के लिए जंगल की ओर चला गया.
कुछ समय पश्चात बहुत सारे पत्ते लाकर उस उटनी के सामने खाने के लिए रख दिया. और ऊंटनी के बच्चे के गले में एक घंटी बांध दिया ताकि कहीं खो न हो जाए.
रोज इसी तरह हरे-हरे पत्ते खाकर वह ऊंटनी मोटी ताज़ी हो गई और उसका बच्चा भी बड़ा हो गया. उसके दूध से बड़ई का पूरे परिवार का पालन पोषण हो जाता था.
एक दिन बड़ई ने अपनी पत्नी से कहा–“प्रिये ! इस ऊंट से तो हमें अच्छा मुनाफा हो रहा है. दुसरे कामो में ध्यान देना व्यर्थ है. इसलिए किसी सेठ से कुछ मूल्य लेकर और ऊंट ले आऊं. जिससे अधिक मुनाफा हो सके.
उसकी पत्नी ने कहा–” स्वामी ! जैसा आप चाहो. ”
उसके अगले दिन ही वह बड़ई ऊंट खरीदने के लिए शहर चला गया. और बहुत से ऊंटनी लाकर पालने लगा.
कुछ दिनों में ही बहुत से ऊंटनी के बच्चे हो गए. अब उसके पास सैकड़ों ऊंट हो गया जिसकी रखवाली करने के लिए एक आदमी रखना पड़ा. वह बड़ई धन से सर्व-संपन्न हो गया. और सुखी से दोनों पति और पत्नी जीवन व्यतीत करने लगे.
एक दिन सभी ऊंट जंगल में पत्ते खाने के बाद पास के नदी में पानी पीकर अस्तबल की ओर आने लगे मगर उसमें से एक घंटी वाला ऊंट सब से छिपकर वापिस जंगल की ओर घुमने चला गया.
सभी ऊंटिया उसको हमेशा समझाते थे कि तुम्हारे गले में घंटी है उसे निकाल देना. क्योंकी इस घंटी की आवाज से शेर तुम्हे पहचान सकता है. मगर वह ऊंट अभिमान वश किसी की बातों पर ध्यान न देते हुए अपने रास्ते चला जाता था .
जब वह घंटी वाला ऊंट घूमते हुए जंगल की ओर जा रहा था. उस घंटी की अव़ाज को सुनकर शेर उसका पीछा करने लगा. शेर जैसे ही उस ऊंट के नजदीक पहुंचा अपने पंजे से ऊंट के गर्दन पर हमला कर दिया और वह ऊंट मर गया.
सिख:- एक न एक दिन घमंड का सर नीचा होता ही है.
यह भी पढ़ें –