bhutiya chudail : bhutiya chudail ki kahani – भुतिया चुड़ैल की कहानी

bhutiya chudail : एक गांव में रामू नाम का एक किसान रहता था. वह बड़ा ही भोला और दयालु था कभी कोई झगड़ा नहीं करता था. अगर उसे कोई कुछ कह भी दे फिर दुबारा उसे पलटकर जवाब देता नहीं था.

उसके घर में उसके और उसकी पत्नी के अलावा और कोई सदस्य भी नहीं थे , उनके शादी को पुरे पांच साल हो चुका था , मगर उनका एक भी बच्चा नहीं था. जिससे रामू की पत्नी बहुत उदास रहती थी.

उसे देख गांव के कुछ औरते उसे बाँझ कहने लगती और अनेक तरह के बातें कहकर उसे चिड़ाते थे. जिसे सुन कर रामू की पत्नी रोती हुई चुप-चाप अपने पति को बिना बताये कमरें में चली जाती थी.

रामू यह सब देख समझ जाता था मगर वह रामू भोला-भाला बेचारा अपनी गरीबी से परेशान दिन भर खेत में काम करते-करते थका हारा चुप चाप जो भी रुखा-सूखा खाना मिलता उसे ही खा कर सो जाता था.

रामू और उसकी पत्नी एक दुसरे को बहुत प्रेम करते थे और हमेशा भगवान से प्रार्थना थे हमें एक बच्चा मिल जाए.

एक दिन रामू रोज की तरह अपने खेत में काम करने गया था उस दिन वह रामू काम में इतना व्यस्त था की उसे पता ही नहीं चला कि कब शाम हो गई ,
और थोड़ी देर में ही रात हो गई ,

वह सोचने लगा–” अरे आज तो रात हो गई , और मेरे घर जाने का रास्ता तो जंगल से होकर गुजरता है , और लोग कहते हैं कि इस जंगल में एक भुतिया चुड़ैल रहती है, जो लोगों को खा जाती है , अब मैं क्या करूँ , कही ओ चुड़ैल मुझे भी अपना निवाला तो बना नहीं लेगी ? ”

यह सोच कर थोड़े देर के बाद कहा–” चलो कोई बात नहीं देखा जाएगा घर तो जाना ही पड़ेगा.

यझ कहकर रामू अपने घर की ओर निकल गया.

जाते-जाते थोड़ी देर के बाद जंगल के एक पेड़ से कुछ आवाज आने लगी , जब रामू पीछे पलट के देखता है तो कोई भी दिखाई देता नहीं. फिर आगे की ओर बढ़ने लगता ,उसे थोड़े देर में वही आवाज दुबारा सुनाई देती है वह दुबारा पीछे पलट के देखता है मगर उसे अब की बार भी कुछ दिखाई देता नहीं , और सोचता है शायद यह मेरा भ्रम होगा.

यह कहकर आगे की ओर बढ़ता है तभी अचानक वह आवाज उसे फिर से सुनाई देती है, मगर इस बार रामू उसे पीछे पलट कर देखता नहीं है ,
तभी उसके सामने ऊपर पेड़ से लटकती हुई एक भुतिया चुड़ैल आती है और हँसते हुए हा…हा..हा..हा..हा.. कहती है–”

अरे मानव कहां जा रहा है आज तो तू मेरा भोजन बनेगा इतने वर्षों बाद कोई इस जंगल  में रात के समय मिला है ,आज तो तुझे नहीं छोडूंगी. ”

यह देख रामू डर के मारे कांपने लगता है और कहता है–” नहीं ! मुझे छोड़ दो चुड़ैल जी घर में मेरी पत्नी मेरी राह देख रही है अगर मैं नहीं गया तो वह मर जाएगा. ”

चुड़ैल उसकी बातों को नहीं मानती और ऊँचे डरावनी वाज में कहती है–” अरे ! मैं तो आज तुझे कच्चा चबा जाउंगी तुझे नहीं छोडूंगी , इतने वर्षों से मैं भूखी हूँ और तुम कहते हो की मुझे छोड़ दो  यह कहते हुए हंसती है हा.. हा..हा..हा… ”

रामू सोचता है अरे आज तो यह चुड़ैल मुझे नहीं छोड़ेगी मैं क्या करूँ.

उसके बाद रामू बहुत उदास मन से कहता है–” ठीक है चुड़ैल जी ! अगर तुम मुझे खाना ही चाहती हो तो मुझे खा लेना मगर मेरी पत्नी को एक बच्चे दे तो मेरे बिना उसके सहारे जी लेगी नहीं तो वह अकेले ही तड़प-तड़प कर मर जायेगी. ”

इस पर चुड़ैल कहती है–” अरे मैं कैसे बच्चे दे सकती हूँ | यह तो तुम्हारा काम है इसे तुम्हें समझना चाहिए. ”

रामू कहता है–” चुड़ैल जी ! हमारी शादी को पुरे पांच साल हो गए हैं मगर हमें एक भी बच्चा नहीं हुआ है. ”

यह सुनकर भुतिया चुड़ैल बहुत दुखी हो जाती है और कहती है–” अरे मानव ! यही दशा मेरी भी हुई थी. जब मैं शादी होकर आई तो मेरे से भी कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ ,

इस पर मेरे ससुराल वाले और मेरे पति मुझे बहुत प्रताड़ित करते थे , और मुझे बहुत सताते थे , मैं बहुत रोई चिल्लाई मगर मेरे पति ने भी मेरा साथ छोड़ दिया था, जिससे मैं सहन न कर पाई और आत्महत्या कर बैठी ,

और जब मेरे आत्मा इस तरह भटक रही थी तभी एक साधू ने कहा–” हे नारी ! तुम समय से पहले मरकर कुछ दिन के बाद भुतिया चुड़ैल हो जाओगी और लोगों को सताने लगोगी, और तुम्हारी मुक्ति नहीं हो पाएगी हमेशा भटकती हुई एक दुष्ट चुड़ैल ही बनी रहोगी. ”

यह सुनकर घबरा गई और कही–” हे स्वामी ! इससे बचने का कोई उपाय बताईये. ”

साधू कहने लगे—” इसका सिर्फ एक ही उपाय है ! जब कोई भोला भाला मासूम व्यक्ति अपने मन से तुम्हें अपने आप को तुम्हारा निवाला के रूप में सौप दे तो तुम उस दिन आज़ाद हो जाओगी. ”

यह कहते हुए भुतिया चुड़ैल रामू को छोड़ देती है और कहती है–” हे मानव आज तुम्हारी वजह से मुझे मुक्ति मिल गई ,जाओ तुम निश्चिंत होकर अपने घर की ओर और तुम्हें मैं एक बच्चे का वरदान भी देती हूँ.

यह कहकर भुतिया चुड़ैल वहां से सीधे स्वर्ग लोक को पधार गई.

और वह रामू भी ख़ुशी-ख़ुशी से अपना घर चला गया.

और कुछ दिन बाद रामू के घर में एक सुन्दर सी कन्या का जन्म हुआ.

रामू और उसकी पत्नी बहुत खुश हुई. उसके मोहल्ले वाले भी बहुत खुश हुए और कुछ दिन बाद रामू बहुत धनि व्यक्ति भी बन गया मानो उसके घर में कन्या का जन्म एक लक्ष्मी का रूप बनकर आई हो.

अब वह दोनों पति और पत्नी अपनी बच्ची के साथ सुखमय जीवन बिताने लगे.

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