bhoot wali kahani : horror story – एक अनोखी रहस्यमयी घटना सपनो में

bhoot wali kahani : एक बार संतोष अपने ऑफीस से छुट्टी लेकर घर लौट रहा था. रास्ते में अचानक उसकी गाड़ी ख़राब हो गई. रास्ता सुनसान था दोपहर का समय था. एक लड़की अपनी गाड़ी से उसी रास्ते से आ रही थी. जिस रास्ते पर संतोष की गाड़ी ख़राब हुई थी.

उसे देखकर संतोष उससे लिफ्ट मांगा ताकि अपने घर जा सके.

लड़की ने उसे लिफ्ट दे दी. संतोष उसकी गाड़ी में बैठकर उसे धन्यवाद कहा.और पूछा कि तुम कहा जा रही हो ?

उसने कुछ नहीं कहा.

संतोष दूसरी बार उससे कहा की आपका नाम क्या है ?

फिर भी उस लड़की ने कुछ जवाब नहीं दिया.

संतोष को लगा कि. लड़की गूंगी है. इसलिए कुछ बोल नहीं रही है. संतोष पानी प्यास से व्याकुल हो रहा था. उसने पास में रखी एक पानी के बोटल को उठाया और पानी पीने लगा. पानी पीने के कुछ ही समय में उसे नींद आ गई. और वह गहरी नींद में चला गया.

और जब उसकी आंख खुली तो वह देखकर चौंक गया. उसके पैरों तले से जमीन ही खिसक गई. उसने देखा कि, एक पुराना खंडहर है जिसमें भयानक गुफा हैं. जहां नरभक्षी से भरे पड़ें है. और अनेकों मनुष्य को लाकर उनको नोच-नोच कर उनका मांश खा रहे हैं.

उसे देख संतोष की रूह काँप उठी. वह न बोल पा रहा था. और न वहां से भाग पा रहा था. मानो उसके पैरों सहित पुरे शरीर को किसी ने जकड़ लिया हो. और जब देखा कि सामने में वही लड़की बैठी है. जिसने गाड़ी में उसे लिफ्ट दी थी.

वह एक खूंखार भूतनी थी उसके बड़े-बड़े दांत .बड़े-बड़े नाख़ून. और लाल-लाल भयानक आंखे थी. वह एक सिहांसन पर बैठी हुई थी.

उसके सभी सेवक नरभक्षी थे. जो मनुष्य को खाते जा रहे थे और उनके खून को उस सिंहासन पर बैठी भूतनी रूपी लड़की पी रही थी. संतोष को ऐसा लग रहा था मानो नर्क लोक में आ गया हो.

अब वह लड़की अपने सेवक नर्भक्षों को उस संतोष के तरफ इशारा किया कि संतोष को लाया जाए.

यह देख संतोष छटपटा उठा और वहां से भागने की कोशिश कर रहा था मगर भाग नहीं सकता था. और जोर-जोर से चिल्ला रहा था मुझे बचाव मुझे बचाव.

नरभक्षी उसे चारों तरफ से पकड़ कर उस भूतनी के पास ले गये. और उसके सर को एक लकड़ी में रखकर एक बड़ी सी हथियार से काटने वाले थे.

संतोष तड़प उठा था. कि मेरी सर धड़ से अलग हो जायेगी. मैं मर जाऊंगा. और जोर-जोर से चिल्लाने लगा ,नहीं……..मुझे मत मारो…..मुझे छोड़ दो.

जब ये कह रहा था तभी अचानक से उसके चेहरे पर पानी पड़ा जो उसकी पत्नी ने छिड़का था.

संतोष की आंखे खुल गई. और वह उठकर देखता है कि..संतोष अपने घर पर ही सोया हुआ है. उसने मन ही मन कहा अरे मैं तो सो रहा था. यह तो मेरी सपना थी.

इतना बुरा सपना. लगा कि यह सच है. मुझे लगा मैं तो मर ही गया था.

उसकी पत्नी उसे देख कही क्या हुआ जी इतने घबराए क्यों हो ?

पति ने कहा कुछ नहीं बस एक बुरा सपना था.

तब से संतोष अपनी गाड़ी ख़राब होने पर भी किसी अंजान व्यक्ति से लिफ्ट मांगने में बहुत डरता है .

दोस्तों यह कहानी कल्पनामयी मात्र है . जैसे हम अक्सर इस तरह की सपनो में देखा करते हैं. जिसे मैंने एक कहानी का रूप देकर आप लोगों के साथ शेयर किया है.

दोस्तों कैसी लगी यह छोटी सी भूत वाली (एक अनोखी रहस्यमयी घटना सपनो में) की कहानी कमेंट करके जरुर बताइयेगा. और शेयर करना न भूलें…धन्यवाद.

सूचना:- यह कहानी कल्पनामात्र है. यह किसी के नाम अथवा किसी स्थान से कोई सम्बंध नहीं है.

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