bajrang baan : bajrang baan in hindi – बजरंग बाण पढ़े हिंदी में

bajrang baan : बजरंगबाण का पाठ करने से किसी भी प्रकार के दुःख दर्द और भय से मुक्ति मिलती है. अगर आपके ज़िन्दगी में भी दुःख दर्द और भय हमेशा सताती है.

तो आप इस प्रकार के संकट से छुटकारा पाने के लिए बजरंगबाण ( bajrang baan in hindi ) का पाठ कर सकतें हैं.

इसका पाठ करने से ज़िन्दगी में होने वाली किसी भी प्रकार की परेशानियां और भय ख़त्म हो जाती है. मंगलवार को हनुमान जी का श्रेष्ठ दिन माना जाता है, इसलिए बजरंगबाण का पाठ हमेशा मंगलवार को ही आरंभ करना चाहिए.

हनुमान चालिसा के साथ-साथ बजरंग बाण का पाठ किया जाना भी अति उत्तम माना जाता है. बजरंगबाण का पाठ करने के लिए इसका विधि,नियम और सावधानियां जानना भी अति आवश्यक है.

इसलिए बजरंगबाण पाठ ( full bajrang baan ) के साथ-साथ इसकी विधि भी नीचे दी गई है. हनुमान चालीसा के सामान ही इस ( बजरंगबाण ) को दो भागों दोहा और चौपाई में बांटा गया है. जो नीचे दर्शाया गया है__

बजरंग बाण पाठ : दोहा और चौपाई

दोहा:
निश्चय प्रेम प्रतीति ते , बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ ,सिद्ध करैं हनुमान।।

चौपाई:
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।
जन के काज विलंब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै।।

जैसे कूदी सिंधु महिपारा । सुरसा बदन पैठी बिस्तारा।।
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरिख परमपद लीन्हा।।
बाग़ उजारि सिंधु महँ बोरा । अति आतुर जमकातर तोरा।।

अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेटि लंक को जारा।।
लाह समान लंक जरि गई । जय जय धुनि सुरपुर नभ भई।।

अब विलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी।।
जय जय लखन प्रान के दाता । आतुर ह्वै दुःख करहु निपाता।।

जै हनुमान जयति बल-सागर । सुर-समूह समरथ भट-नागर।।
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले । बैरिहि मारू ब्रज की कीले।।

ॐ  ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा । ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उस सीसा।।
जय अंजनी कुमार बलवंता । शंकरसुवन बीर हनुमंता।।

बदन कराल काल-कुल घालक । राम सहाय सदा प्रतिपालक।।
भूत, प्रेत , पिशाच निसाचर । अगिन बेताल काल मारी मर।।

इन्हें मारू , तोहि सपथ राम की । राखु नाथ मरजाद नाम की।।
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै । राम दूत धरु मारू धाइ कै।।

जय जय जय हनुमंत अगाधा । दुःख पावन जन केहि अपराधा।।
पूजा जप तप नेम अचारा । नहिं जानत कछु दास तुम्हारा।।

बन उपबन मग गिरि गृह माही। तुम्हारे बल हौं डरपत नाहीं।।
जनकसुता हरि दास कहावौ । ताकी सपथ विलंब न लावौ।।

जै जै जै धुनि होत अकासा । सुमिरत होय दुसह दुःख नासा।।
चरन पकरि , कर जोरि मनावौं । यहि औसर अब केहि गोहरावौं।।

उठु,उठु,चलु , तोहि राम दुहाई । पायँ परौं , कर जोरि मनाई।।
ॐ चं चं चं चं चपल चलता । ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता।।

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल । ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल।।
अपने जन को तुरत उबारौ । सुमिरत होय आनंद हमारौ।।

यह बजरंग-बाण जेहि मारै । ताहि कहौ फिरि कवन उबारै।।
पाठ करै बजरंग-बाण की । हनुमत रक्षा करै प्रान की ।।

यह बजरंग बाण जो जापैं । तासों भूत-प्रेत सब कापैं।।
धूप देय जो जपै हमेसा । ताके तन नहिं रहै कलेसा।।

दोहा :
उर प्रतीत दृढ़ , सरन ह्वै , पाठ करै धरि ध्यान।।
बाधा सब हर , करैं सब काम सफल हनुमान।।

बजरंग बाण पाठ की विधियाँ :
1. बजरंग बाण पाठ को हमेशा मंगलवार को आरंभ करना उचित माना गया है।
2. पाठ करने के लिए मंगलवार को सूर्योदय से पूर्व स्नान कर अच्छे से स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
3. आप जिस भी स्थान पर पूजा करना चाहते हैं उस स्थान को अच्छे से साफ़ रखे और वहां पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें।
4. इसके बाद पूजा करने से पहले जैसे भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है इसलिए सर्वप्रथम श्री गणेशाय नमः कहकर पूजा आरंभ करना चाहिए।
5. ततपश्चात भगवान श्रीराम और सीता माता का ध्यान करते हुए हनुमान जी को प्राणाम करें और बजरंग बाण के पाठ का सकल्प लें।
6. उसके बाद हनुमान जी को फुल अर्पित करें और उनके समक्ष धूप, दीप आदि जलाएं।
7. पूजा करने से पहले कुश से बने आसन पर बैठकर बजरंग बाण का पाठ आरंभ करें।
8. और जब बजरंग बाण का पाठ पूरा हो जाये तब भगवान श्री राम का स्मरण कर कीर्तन करें।
9. उसके बाद अंतिम में हनुमान जी को प्रसाद के रूप में चूरमा लड्डू , और अन्य मौसमी फलों आदि से अर्पित करें।

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