who was amir khusrau (about amir khusro):अमीर खुसरो का वास्तविक नाम अबुल हसन यामिनुद्यीन अमीर खुसरों था. उनका जन्म सन 1253 ईस्वी में एटा के उत्तर प्रदेश के पटियाला नामक कसबे में हुआ था. वह उस समय के प्रमुख कवि. शायर. गायक और संगीतकार भी रह चुके थे. वे एक ऐसे प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी. हिन्दवी और फारसी में एक साथ लिखा था.
वे अपने पहेलियों और मुकरियों के लिए काफी प्रसिद्ध थे भारतीय गायन में क़व्वाली और सितार को इन्हीं की देन माना जाता है. इन्होने गीत और तर्ज पर फारसी में और अरबी ग़ज़ल के शब्दों को मिलाकर काफी ढंग से अनेको पहेलियां और दोहे भी लिखे थे. अमीर खुसरों को हिंद का तोता भी कहा जाता है.
अमीर खुसरो की पहेलियां : paheliyan Amir khusrau ki
1. श्याम बरन की है एक नारी, माथे ऊपर लागे प्यारी.
जो मानस इस अर्थ को खोले, कुत्ते की वह बोली बोले.
उत्तर:- भौंह.
2. घूम-घूमेता लहंगा पहने, एक पांव से कड़ी रहे.
आठ हाथ हैं उस नारी के, सूरत उसकी लगे परि.
सब कोई उसकी चाह करे , मुसलमान, हिन्दू, छत्री.
खुसरों ने यह कही पहेली, दिल में अपने सोच अरी.
उत्तर:- छतरी.
3.एक गुनी ने ये गुन कीन्हा, हरियल पिंजरे में दे दीन्हा.
देखो जादूगर का हाल , दारे हरा, निकाले लाल.
उत्तर:-पान.
4.आदि कटे से सबको पाले, मध्य कटे से सबको मारे.
अंत कटे से सबको मीठा, खुसरो वाको आँखें ठिठा.
उत्तर:- काजल.
5. काजल की कजरौटी उधो का श्रृंगार.
डरी डार पर मैना बैठी, है कोई बुझंहार.
खेत आगे लगे मक्का के भुट्टे की पहेली.
आगे आगे बहना आई, पीछे-पीछे भैया.
दांत निकाल बाबा आये, बुर्का ओढ़े मैया.
उत्तर:- काली जामुन.
6. खेत में उपजे सब खाय, घर में होए घर खा जाय.
उत्तर:- फूट.
7.उज्जल बरन आधी तन, एक चित्त दो ध्यान.
देखत में तो साधू है, पर निपट पाप की खान.
उत्तर:- बंगु.
8.श्याम बरन पीताम्बर बांधे, मुरलीधर नहीं होय.
बिन मुरली वह नाद करत है बिरला बुझे कोय.
उत्तर:- भौरें.
9. पानी में निसदिन रहे, जाके हाड़ न मांस.
काम करे तलवार का, फिर पानी में बॉस.
उत्तर:- धागा.
10. चार अंगुल का पेड़, सवा मन का छत्ता.
फल लगे अलग-अलग ,पक जाए इकठ्ठा.
उत्तर:- मिटटी के लोंदे.
11.इधर को आवै, उधर को जावै हर-हर फेरे काठ को खावै.
ठहर रहती जिस दम वो नारी, खुसरो कहै बरै की आरी.
उत्तर:- आरी.
12.चोरी की , ना खून किया.
वाकस सिर क्यों काट लिया.
उत्तर:- नाख़ून.
13.गोल-मटोल और छोटा-मोटा , हरदम वह जो ज़मी पर लेटा.
खुसरों कहै नही है झूठा , जो ना बुझे अकाल का खोटा.
उत्तर:- लोटा.
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